दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में बच्चियों के खतने की प्रथा पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए। इसे असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट ने कहा कि महिलाओं का खतना सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते कि उन्हें शादी करनी है। उनका जीवन सिर्फ शादी और पति के लिए नहीं होता। महिलाओं के खतने पर पूर्ण पाबंदी की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, “जब हम महिला अधिकारों को बढ़ावा देने पर मुखर हैं तो इसे विपरीत दिशा में कैसे जाने दे सकते हैं?’
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Tuesday, July 31, 2018
खतना संवैधानिक अधिकारों का हनन, महिला सिर्फ शादी के लिए नहीं: सुप्रीम कोर्ट
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